Solar Eclipse 2023 Date: जल्द ही साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है|सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है|ज्योतिष शास्त्र में सूतक काल बहुत अशुभ समय माना गया है|वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना गया है|वहीं ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है| जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं| जिस तरह से ग्रह-नक्षत्रों के बदलने का प्रभाव राशियों पर भी पड़ता है| ठीक उसी प्रकार सूर्य ग्रहण का भी सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है|
हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। इस प्रकार वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल को है। इस दिन साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। अमावस्या तिथि को अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को चंद्र ग्रहण लगता है। इस तरह वैशाख अमावस्या को पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। ग्रहण को लेकर दो मत है। एक विज्ञान के तहत ग्रहण की गणना की जाती है। दूसरा धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण की गणना की जाती है।
सूर्य ग्रहण तीन तरह के होते हैं, जो क्रमशः पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण हैं। धार्मिक मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय राहु और केतु का नकारात्मक प्रभाव रहता है। अतः ग्रहण के समय धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम करने की मनाही होती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को सेहत का विशेष ख्याल रखना पड़ता है।
Surya Grahan 2023
Surya Grahan 2023: साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है|यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा फिर भी इसका असर देश दुनिया और मानव जीवन पर पड़ेगा| आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के समय किन गलतियों से सावधान रहना चाहिए|
साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को लगने जा रहा है|सूर्य ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है, जिससे सूर्य की दृष्टि पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है|इस बार सूर्य ग्रहण मेष राशि में रहेगा| ये सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि सूर्य ग्रहण मेष राशि में 19 साल बाद लगने जा रहा है| साथ ही ये सूर्य ग्रहण हाइब्रिड होगा क्योंकि यह तीन रूपों में दिखेगा| इनमें आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण शामिल होंगे|
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20 अप्रैल 2023 का सूर्य ग्रहण संपूर्ण जानकारी
20 अप्रैल को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण दक्षिणी प्रशांत महासागर के देशों जैसे चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर में दिखाई देगा| भारतीय समयानुसार, यह सूर्य ग्रहण इन देशों में सुबह 07 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा| यह सूर्य ग्रहण अश्विनी नक्षत्र में लगेगा, जो कि केतु का नक्षत्र है|
ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहण के पूर्व काल को सूतक कहा जाता है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल अधिक और चंद्र ग्रहण का सूतक काल कम होता है। सूर्य ग्रहण के समय सूतक चार प्रहर पहले शुरू होता है। एक प्रहर 3 घंटे का होता है। इस तरह सूर्य ग्रहण में 12 घंटे का सूतक रहता है। ज्योतिषियों की मानें तो यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ग्रहण न दिखने के चलते सूतक भी नहीं लगेगा। इसके लिए सूर्य ग्रहण के दौरान कोई पाबंदी नहीं होगी। आसान शब्दों में कहें तो व्यक्ति सामान्य दिनों की तरह जीवन यापन कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्यों होता है खाना पीना वर्जित
धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए. स्कंद पुराण में भी उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर गलत असर पड़ता है. यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से सारे पुण्य और कर्म नष्ट हो जाते हैं.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें
1. ग्रहण के दौरान किसी सुनसान जगह, श्मशान पर अकेले नहीं जाना चाहिए. दरअसल, इस दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं.
2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए और ना सूई में धागा डालना चाहिए.
3. इसके अलावा ग्रहण के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए और शारीरिक संबंध बनाना भी मना होता है|
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सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
1. सूर्य ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करें. पूरे घर और देवी देवताओं को शुद्ध करें.
2. ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचना चाहिए.
3. ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें. साथ ही ध्यान रखें कि आप कोई गलत काम न करें.
4. ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना करें.
सूर्य ग्रहण की अवधि
यह ग्रहण सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगा. इस सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी. इस सूर्य ग्रहण के दो दिन बाद देवगुरु बृहस्पति का गोचर होगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा. लेकिन इस सूर्य ग्रहण का असर सभी राशियों पर पड़ेगा.